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राज्य में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उड़ीसा टूरिज्म कोणार्क नृत्य महोत्सव के जरिये आज अपनी राष्ट्रीय पहचान बना चुका है. कोणार्क में नृत्य महोत्सव के पांच दिवसीय प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है. 1 से 5 दिसंबर तक चलने वाले उत्सव में तमाम नृत्यों के अलावा पहली बार इस साल अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्ट फेस्टिवल का भी आयोजन किया जा रहा है.
इसे बंगाल की खाड़ी के चंद्रभागा तट पर आयोजित किया जाएगा. कोणार्क के सूर्य मंदिर में दिसंबर महीने की शुरुआत में कोणार्क नृत्य उत्सव मनाया जाता है, जिसमें पूरे देश के कलाकार हिस्सा लेते हैं और अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन करते हैं. यह उत्सव ओडिसी, भरतनाट्यम, मोहिनीअट्टम, कथककली, मणिपुरी, कथक और छाऊ जैसे भारतीय नृत्यों के साथ मनाया जाता है. यह उत्सव लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाला होता है. उड़ीसा टूरिज्म ने इसकी शुरुआत 1989 में की. यह महोत्सव 1990 तक 3 दिनों का हुआ करता था लेकिन इसके बाद के दो सालों में इसे 7 दिवसीय आयोजन के रूप में मनाया गया. जिसके बाद 1993 से यह महोत्सव हर साल 1 से 5 दिसंबर तक मनाया जाता है. गौरतलब है कि 1999 में आए चक्रवात की वजह से इस महोत्सव का आयोजन नहीं हो सका था. वहीं इस साल पहली बार अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्ट फेस्टिवल इस आयोजन का हिस्सा होगी. इसे बंगाल की खाड़ी के चंद्रभागा तट पर आयोजित किया जाएगा. और साथ ही इसके लिए मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक को ब्रांड एंबेसेडर बनाया गया है.